सीताराम सीताराम सीताराम कहिए : भजन सुनना और गाना आत्मा को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है। दीक्षास्थल पर भक्तिमय भजनों का संग्रह पाएँ और अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन करें।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
सीताराम सीताराम सीताराम कहिए।
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए।।
1. मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,
तू अकेला नहीं प्यारे, राम तेरे साथ में,
विधि का विधान जान, हानि-लाभ सहिए।।
2. किया अभिमान तो फिर मान नहीं पाएगा,
होगा वही प्यारे जो श्रीराम जी को भाएगा,
फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिए।।
3. जिन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के,
महलों में राखे चाहे झोंपड़ी में वास दे,
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिए।।
4. आशा एक राम जी से दूजी आशा छोड़ दे,
नाता एक राम जी से दूजा नाता तोड़ दे,
काम रस त्याग प्यारे राम रस गहिए।।
सीताराम सीताराम सीताराम कहिए।
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए।।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
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