बनी श्रीराधा मोहन की जोरी : भजन सुनना और गाना आत्मा को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है। दीक्षास्थल पर भक्तिमय भजनों का संग्रह पाएँ और अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन करें।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
🎶 भजन: बनी श्रीराधा मोहन की जोरी 🎶
(राग: मधुर – कीर्तन शैली)
बनी श्रीराधा मोहन की जोरी।
→ श्रीराधा और श्रीमोहन (कृष्ण) की अनुपम जोड़ी सजी है।
इन्द्र नीलमणि श्याम मनोहर, सात कुम्भ तन गोरी।।
→ श्रीकृष्ण का वर्ण इन्द्रनील मणि जैसा श्यामल है, मनोहर है,
और श्रीराधा का शरीर सात स्वर्ण कलशों जैसा गौर वर्ण है।
भाल विशाल तिलक हरि कामिनि, चिकुर चन्द्र बिच रोरी।
→ हरिकामिनी श्रीराधा के मस्तक पर विशाल तिलक सुशोभित है,
और उनके काले घुंघराले बालों के बीच चंद्रमा सा रोरी (सिंदूर/श्रृंगार) चमक रहा है।
गज नायक प्रभु चाल, गयन्दनि गति वृषभानु किशोरी।।
→ श्रीकृष्ण की चाल गजराज जैसी है और श्रीराधा की गति सिंहनी जैसी,
वो वृषभानु नंदिनी हैं — तेजस्विनी और गरिमामयी।
नील निचोल जुवति मोहन, पट पीत अरुन शिर खोरी।
→ श्रीराधा नीले रंग की साड़ी (नील निचोल) में हैं और मोहन पीतांबर धारण किए हैं,
उनके सिर पर अरुणिमा युक्त श्रृंगार है।
जै श्रीहित हरिवंश रसिक, राधापति सूरत रंग में बोरी।।
→ श्रीहित हरिवंश जी रसिक भाव से जयकार कर रहे हैं —
राधा के स्वामी श्रीकृष्ण उस प्रेम रंग में पूरी तरह डूबे हुए हैं।
बनी श्रीराधा मोहन की जोरी।।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
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