बृज किशोरी जी एक बालिका हैं, जो भारत में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करती हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण जन्म उज्जैन के पास शाजापुर की पावन भूमि पर हुआ है। इतनी छोटी उम्र में भगवद गीता और श्रीमद् भागवत कथा का ज्ञान और उसकी भावपूर्ण प्रस्तुति अद्वितीय है। वह अपने मधुर वचनों और भक्ति से भरे प्रवचनों के माध्यम से भक्तों के हृदय में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का संचार करती हैं।
बृज किशोरी जी का जीवन वृंदावन की पवित्रता और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। वृंदावन का हर एक कोना उनकी कथाओं में जीवंत हो उठता है। उनकी वाणी में कृष्ण भक्ति का ऐसा भाव है कि श्रोताओं को ऐसा प्रतीत होता है मानो वे स्वयं वृंदावन की गलियों में विचरण कर रहे हों। वृंदावन का उनके जीवन में विशेष महत्व है, क्योंकि यही भूमि उनके आध्यात्मिक जीवन की प्रेरणा स्रोत है।
बृज किशोरी जी बहुत ही सहज और सरल भाषा में श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करती हैं। उनकी कथा सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कथा में वे भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर महाभारत के युद्ध तक की कहानियों को बड़े ही रोचक और भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती हैं। वे न केवल कथा का पाठ करती हैं, बल्कि उनमें से हर एक प्रसंग को इस प्रकार से व्यक्त करती हैं कि श्रोता उसमें डूब जाते हैं और श्रीकृष्ण की लीलाओं का अनुभव करते हैं।
बृज किशोरी जी का जीवन एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ही शुरू की थी। उनका परिवार धार्मिक और भक्तिमय माहौल में जीता है, जिससे उन्होंने भक्ति और धर्म के मूल्यों को अपने जीवन में उतारा है। उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु से दीक्षा प्राप्त की है और उन्हीं के मार्गदर्शन में अपनी कथा यात्रा को शुरू किया है।
बृज किशोरी जी न केवल कथा वाचन में ही सक्रिय हैं, बल्कि वे समाज सेवा में भी विश्वास रखती हैं। वे अपने प्रवचनों से लोगों को धर्म, सेवा और परोपकार का संदेश देती हैं। उनके कार्यक्रमों में गरीब और असहाय लोगों की सहायता के लिए कई सामाजिक गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं।
बृज किशोरी जी का जीवन भगवान श्रीकृष्ण की सेवा और भक्ति के लिए समर्पित है। उनकी कथाओं के माध्यम से वे समाज में आध्यात्मिक जागरूकता और शांति का संदेश फैलाती हैं। उनके कार्यक्रमों में न केवल कथा वाचन होता है, बल्कि भक्ति संगीत, कीर्तन और ध्यान के माध्यम से श्रोताओं को भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
बृज किशोरी जी भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति गहरी आस्था और समर्पण का प्रतीक हैं। उनके जीवन और कथा वाचन से आने वाली पीढ़ियों को धर्म और अध्यात्म की ओर प्रेरणा मिलती है। उनका सरल और सादगीपूर्ण जीवन हमें यह सिखाता है कि भक्ति और प्रेम के पथ पर चलते हुए ईश्वर की प्राप्ति संभव है। उनकी कथाओं में समाहित आध्यात्मिक गहराई और प्रेम का संदेश लोगों के जीवन को संवारता है और उन्हें ईश्वर के समीप लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
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