रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। : भजन सुनना और गाना आत्मा को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है। दीक्षास्थल पर भक्तिमय भजनों का संग्रह पाएँ और अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन करें।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया।
रघुकुल नंदन कब आओगे भिलनी की नगरिया॥
मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे।
राम तेरे दर्शन के कारण वैन में जीवन पालूं रे॥
चरणकमल से निर्मल करदो दासी की झोपड़िया॥
रोज सवेरे वन में जाकर फल चुन चुन के लाऊंगी।
अपने प्रभु के सन्मुख रख के प्रेम से भोग लगाउंगी॥
मीठे मीठे बेरन की मैं भर लाई छबरिया॥
श्याम सलोनी मोहिनी मूरत नैयन बीच बसाऊंगी।
पद पंकज की रज धर मस्तक जीवन सफल बनाउंगी॥
अब क्या प्रभु जी भूल गए हो दासी की डगरिया॥
नाथ तेरे दर्शन की प्यासी मैं अबला इक नारी हूँ।
दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें सुनलो बहुत दुखारी हूँ॥
हीरा रूप से दर्शन देदो डालो एक नजरिया॥
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
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