ठुमक चलत रामचंद्र : भजन सुनना और गाना आत्मा को शांति, प्रेम और भक्ति से भर देता है। दीक्षास्थल पर भक्तिमय भजनों का संग्रह पाएँ और अपने मन को भगवान की भक्ति में लीन करें।
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
🎶 ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैजनियाँ
किलक किलात उठत लात, गिरत भूमि लटपटाय
धाय माया गोद लेत, दशरथ की रानियाँ॥
ठुमक चलत रामचंद्र...
🎵 विद्रुम से अरुण अधर, बोलत मृदु वचन मधुर
मुक्ता मणि सी दंत पंक्ति, लटकर लट ललचाय॥
ठुमक चलत रामचंद्र...
🎶 मेवा मोदक रसाल, मन भावे सो ले वो लात
और ले हो रुचिर पान, कंचन रुनझुनियाँ॥
ठुमक चलत रामचंद्र...
🎵 ‘तुलसीदास’ अति आनंद, निरखि के मुखारविंद
रघुवर की छवि समान, रघुवर मुख बनियाँ॥
ठुमक चलत रामचंद्र...
नाम जाप एक साधारण किंतु अत्यंत गहन आध्यात्मिक साधना है। जब हम बार-बार भगवान के नाम या मंत्र का स्मरण करते हैं, तो मन शांत होता है और आत्मा में भक्ति का भाव जाग्रत होता है। दीक्षास्थल पर आप अपने नाम जाप की गिनती और साधना को संजो सकते हैं, जिससे नियमितता और अनुशासन बनता है।
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