🌸 गौरी तपो व्रत: माता पार्वती का तप, सुहाग-सौभाग्य और मनोकामना पूर्ति का पावन पर्वगौरी तपो व्रत हिंदू धर्म का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे सुहाग,...
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गौरी तपो व्रत हिंदू धर्म का अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे सुहाग, सौभाग्य, दांपत्य-सुख और मनोकामना-पूर्ति के लिए विशेष रूप से रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है — जिन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किए।
इसी तप की स्मृति में विवाहित तथा अविवाहित महिलाएँ इस पवित्र व्रत का पालन करती हैं।
🌺 गौरी तपो व्रत क्या है?
यह व्रत अमावस्या तिथि पर रखा जाता है और माना जाता है कि इस दिन माता गौरी अत्यंत प्रसन्न रहती हैं।
जो भी श्रद्धा, भक्ति और नियम से गौरी तपो व्रत रखता है, उसकी सभी संकल्पित मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
विशेष रूप से:
सौभाग्य, दांपत्य-सुख, परिवार की समृद्धि, अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति, गृह-कल्याण
🕉️ व्रत की पौराणिक मान्यता
पुराणों के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तप, उपवास और भक्ति की।
गौरी तपो व्रत उसी दिव्य तप की याद दिलाता है।
कहते हैं कि इस दिन माता गौरी का आशीर्वाद लेने से —
“अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है और विवाहित महिलाओं का सौभाग्य अक्षय बना रहता है।”
🌼 गौरी तपो व्रत कैसे करें? (विधि)
1️⃣ सुबह स्नान और संकल्प
प्रातःकाल पवित्र स्नान करें।
माता गौरी की मूर्ति/चित्र के सामने दीप जलाएँ।
हाथ में जल लेकर संकल्प करें:
“मैं माता गौरी की कृपा हेतु गौरी तपो व्रत कर रही/रहा हूँ।”
2️⃣ माता गौरी की पूजा
सफेद या पीले फूल चढ़ाएँ।
अक्षत, रोली, चंदन से पूजा करें।
माता को सिंदूर, सुहाग की सामग्री, फल और मिठाई अर्पित करें।
3️⃣ व्रत–कथा सुनना/पढ़ना
गौरी तपो व्रत की कथा पढ़ना इस व्रत का प्रमुख नियम है।
यह कथा माता पार्वती के तप और भगवान शिव के विवाह से जुड़ी है।
4️⃣ पूरे दिन व्रत
महिलाएँ दिन भर उपवास या फलाहार करती हैं।
मन में माता गौरी का स्मरण और शिव–पार्वती मंत्रों का जाप करें:
“ॐ गौरी नमः”
“ॐ नमः शिवाय”
5️⃣ शाम की पूजा और व्रत-समापन
पुनः दीपक जलाकर माता की आरती करें।
परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
🌙 गौरी तपो व्रत किसके लिए शुभ है?
यह व्रत विशेष रूप से शुभ माना जाता है:
विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य-वृद्धि हेतु
अविवाहित कन्याओं के लिए मनचाहा वर प्राप्ति हेतु
जिनके दांपत्य जीवन में कठिनाइयाँ हों
जो परिवार में सुख-शांति चाहते हों
🌻 गौरी तपो व्रत का आध्यात्मिक महत्व
यह व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि: आत्म-शक्ति, विश्वास, भक्ति का अद्भुत संगम है।
माना जाता है कि माता गौरी का आशीर्वाद मनुष्य के जीवन में शांति, प्रेम, सौहार्द और समृद्धि लाता है।
📅 गौरी तपो व्रत 2025 तिथि
20 नवंबर 2025 (गुरुवार)
अमावस्या तिथि पर यह व्रत अत्यंत शुभ माना गया है।
गौरी तपो व्रत भक्ति, सौभाग्य और स्नेह का पर्व है।
माता पार्वती का तप हमें यह संदेश देता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना अवश्य फल देती है।
यदि आप अपने जीवन में शांति, प्रेम और दिव्य आशीर्वाद चाहते हैं, तो यह व्रत अत्यंत कल्याणकारी है।
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