मदुरै का नाम सुनते ही जो सबसे पहला चित्र मन में उभरता है, वह है – श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर। यह मंदिर न केवल मदुरै का केंद्र है, बल्कि इस ऐतिहासिक शहर की आत्मा भी है। यह मंदिर परिसर भारत के सबसे विशाल और प्राचीन मंदिर परिसरों में से एक है, जो लगभग 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
करीब 2000 साल पुराना यह मंदिर समय के साथ-साथ अनेक राजवंशों और विजयी शासकों के योगदान से विस्तारित होता गया। विशेष रूप से तिरुमलै नायक (1623-1655 ई.) के शासनकाल में इस मंदिर का विस्तार बड़े स्तर पर हुआ।
यह मंदिर भगवान शिव के सुंदरेश्वर रूप और उनकी मछली-नयनी पत्नी मीनाक्षी देवी को समर्पित है। इस जुड़वां मंदिर में पांच विशाल द्वार हैं जो मुख्य मंदिर परिसर को घेरे हुए हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही उसकी भव्यता, नक्काशीदार मूर्तियाँ और रंगीन चित्रांकन हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
मंदिर का एक अनोखा आकर्षण है – "आयिरमकाल मंडपम" या हज़ार खंभों वाला मंडप। यहाँ प्रत्येक खंभे पर उकेरी गई मूर्तियाँ इतनी जीवंत प्रतीत होती हैं कि देखने वाला चकित रह जाए। किसी भी कोण से देखने पर ये खंभे सीधी पंक्ति में नज़र आते हैं – यह वास्तुकला का अद्भुत नमूना है।
मंदिर की बाहरी परिक्रमा में स्थित हैं अद्वितीय संगीतमय स्तंभ। जब इन्हें हल्के से थपथपाया जाता है, तो प्रत्येक स्तंभ से अलग-अलग संगीत स्वर उत्पन्न होते हैं – यह मंदिर की तकनीकी और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
सुबह: 05:00 बजे से 12:30 बजे तक
शाम: 16:00 बजे से 21:30 बजे तक
मदुरै हवाई अड्डा (Avaniyapuram) शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ से देश के प्रमुख शहरों के लिए घरेलू उड़ानें उपलब्ध हैं। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में कोलंबो, दुबई और सिंगापुर के लिए सेवाएँ उपलब्ध हैं। प्रमुख विमान सेवा कंपनियाँ हैं:
Air India, Air India Express, Jet Airways, SpiceJet, Indigo, और Srilankan Airlines।
मदुरै जंक्शन इस जिले का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे प्रमुख शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है।
मदुरै राष्ट्रीय राजमार्ग NH 7, NH 45B, NH 208 और NH 49 से अच्छी तरह जुड़ा है। इसके अलावा राज्य राजमार्ग SH-33, SH-72, SH-72A, SH-73 और SH-73A भी मदुरै के विभिन्न भागों को जोड़ते हैं।
श्री मीनाक्षी-सुंदरेश्वर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि दक्षिण भारत की सांस्कृतिक और वास्तुकला धरोहर का जीवंत उदाहरण है। यहाँ आकर श्रद्धालु आध्यात्मिक शांति तो पाते ही हैं, साथ ही कला, इतिहास और संस्कृति का अद्भुत अनुभव भी करते हैं। यदि आप दक्षिण भारत की यात्रा पर हों, तो यह मंदिर आपकी सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए।
🙏 हर हर शंभू! जय मीनाक्षी माता!
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